Widow Pension Scheme 2025: ₹1500 मासिक पेंशन का सपना होगा सच, जानिए 3 आसान स्टेप्स इसे पाने के

Published On: August 7, 2025
Widow Pension Scheme 2025

आज के समय में विधवा महिलाओं का आर्थिक और सामाजिक स्थिति मजबूत बनाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं चलायी हैं। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण योजना है विधवा पेंशन योजना, जिसका उद्देश्य विधवा महिलाओं को आर्थिक सहारा देना है। हाल ही में सरकार ने इस योजना में एक बड़ा बदलाव किया है। जिसके तहत अब विधवा महिलाओं को हर महीने ₹1500 की पेंशन मिलना शुरू हो गई है। यह पेंशन उन्हें उनकी बुनियादी जरूरतें पूरी करने में मदद करेगी।

इस योजना के अंतर्गत मुख्य रूप से गरीबी रेखा (BPL) के तहत रहने वाली विधवा महिलाएं इसका लाभ उठा सकती हैं। पहले जहां इस योजना के तहत ₹300 प्रति माह की पेंशन दी जाती थी, वहीं अब यह राशि बढ़ाकर ₹1500 कर दी गई है। इस फैसले से समाज के कमजोर तबके को राहत मिली है जो पति की मृत्यु के बाद वित्तीय संकट से जूझ रही होती हैं।

Widow Pension Scheme 2025

विधवा पेंशन योजना सरकार द्वारा शुरू की गई एक सामाजिक सुरक्षा योजना है, जिसका उद्देश्य विधवा महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के जरिए विधवा महिलाओं को नियमित मासिक पेंशन दी जाती है जिससे वह अपना जीवन सम्मान के साथ व्यतीत कर सकें। इस योजना को मुख्य रूप से उन महिलाओं के लिए बनाया गया है जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रही हैं।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना (IGNWPS) केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाती है, जिसका बजट ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत आता है। इसके अलावा राज्य सरकारें भी अलग-अलग नामों से विधवा पेंशन योजनाएं संचालित करती हैं। योजना के तहत 40 से 79 वर्ष की विधवा महिलाओं को ₹300 प्रति माह की पेंशन मिलती थी, जबकि 80 वर्ष से अधिक आयु वाली महिलाओं को ₹500 प्रति माह दिया जाता था। लेकिन अब सरकार ने इस राशि को बढ़ाकर ₹1500 कर दिया है ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को आर्थिक मदद मिल सके।

योजना के लाभ और पात्रता

इस योजना के अंतर्गत विधवा महिलाओं को हर महीने ₹1500 की पेंशन सीधे उनके बैंक खातों में दी जाती है। यह राशि महिला के जीवन निर्वाह में काफी मददगार साबित होती है। पेंशन पाने के लिए कुछ मुख्य पात्रता शर्तें हैं:

  • आवेदिका विधवा होनी चाहिए और उसकी आयु कम से कम 40 वर्ष होनी चाहिए।
  • वह परिवार BPL (गरीबी रेखा) के अंतर्गत आता हो।
  • विधवा महिला ने पुनः विवाह नहीं किया हो।
  • परिवार की वार्षिक आय सरकार द्वारा निर्धारित सीमा से कम होनी चाहिए।

अगर कोई विधवा महिला इन सभी पात्रता मानदंडों को पूरा करती है, तो वह इस योजना का लाभ उठा सकती है। इसके अलावा योजना के तहत जो भी महिलाओं को पेंशन दी जाती है, वे सरकार द्वारा किसी भी समय जांच के बाद पात्रता खो सकती हैं, यदि वे गरीबी रेखा से ऊपर की स्थिति में आ जाती हैं या पुनर्विवाह कर लेती हैं।

आवेदन कैसे करें?

इस योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया सरल है और ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों माध्यमों से हो सकती है। आवेदन के लिए मूल दस्तावेजों में विधवा प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, पहचान पत्र और बैंक खाते की जानकारी जरूरी होती है।

ऑनलाइन आवेदन के लिए उम्मीदवार सरकारी पोर्टल या UMANG ऐप पर लॉगिन कर सकती हैं। वहां से वे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना को ढूंढकर आवेदन फॉर्म भर सकती हैं। आवश्यक दस्तावेज अपलोड कर आवेदन जमा करना होता है। वहीं ऑफलाइन आवेदन के लिए जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी या तहसील कार्यालय में जाकर आवेदन फॉर्म प्राप्त कर उसे भरकर जमा कर सकती हैं।

योजना से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

यह योजना भारत सरकार की राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम का हिस्सा है और इसका मुख्य मकसद समाज के कमजोर वर्ग खासकर विधवा महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा देना है। यह पेंशन मासिक आधार पर सीधे महिला के बैंक खाते में ट्रांसफ़र होती है जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।

हर राज्य की अपनी विधान और प्रक्रिया होती है, इसलिए कुछ राज्यों में पेंशन की राशि या पात्रता मानदंड में थोड़ा बदलाव हो सकता है। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश में विधवा महिलाओं को ₹1000 जबकि बिहार में ₹1100 पेंशन मिलती है। लेकिन केंद्र सरकार की इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना के तहत पात्र महिलाओं को ₹1500 प्रति माह तक का लाभ मिलता है।

निष्कर्ष

सरकार का यह बड़ा फैसला विधवा महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ₹1500 प्रति माह की पेंशन उनके जीवन में स्थिरता लाने में सहायता करेगी। यदि आप या आपके परिचितों में कोई विधवा महिला है जो इस योजना की पात्रता पूरी करती है, तो तुरंत आवेदन करें और इस आर्थिक सहायता का लाभ उठाएं।

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