उत्तर प्रदेश सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना (UP Samuhik Vivah Yojana), समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को बेटी की शादी में वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई है। यह योजना परिवारों की शादी की आर्थिक जिम्मेदारी को कम करने के उद्देश्य से बनाई गई है, ताकि बेटियां सम्मानपूर्वक विवाह कर सकें और परिवारों को आर्थिक बोझ से राहत मिले।
हाल ही में इस योजना के तहत मिलने वाली राशि को बढ़ाकर अब प्रति जोड़े 1 लाख रुपये कर दिया गया है, जो पहले 51,000 रुपये थी। इस राशि में लड़की के खाते में सीधे पैसे, विवाह के उपहार और समारोह के खर्च भी शामिल हैं।
UP Samuhik Vivah Yojana 2025
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना उत्तर प्रदेश सरकार की एक ऐसी पहल है जो अभावग्रस्त परिवारों की बेटियों के विवाह में सहायता देती है। इस योजना के तहत, जोड़े को आर्थिक सहायता के रूप में कुल 1 लाख रुपये का लाभ दिया जाता है। इसमें 60,000 रुपये सीधे कन्या के बैंक खाते में जमा किए जाते हैं, 25,000 रुपये विवाह समारोह के लिए उपहार के तौर पर दिए जाते हैं, और बाकी 15,000 रुपये विवाह में खर्च किए जाने के लिए सरकार देती है।
यह योजना विशेष रूप से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को प्राथमिकता देती है। इसके साथ ही, विधवा या तलाकशुदा महिलाओं के पुनर्विवाह के लिए भी इस योजना के अंतर्गत सहायता उपलब्ध है।
इस योजना का उद्देश्य देश के आर्थिक रूप से कमजोर तबकों को शादी का भार कम करना और सामूहिक विवाह के माध्यम से सामाजिक समरसता बढ़ाना है। इससे परिवारों को विवाह की अनावश्यक महंगाई से राहत मिलती है। सरकार ने इस योजना की पात्रता मानदंडों में भी सुधार किया है। पहले जिन परिवारों की वार्षिक आय 2 लाख रुपये या उससे कम थी, अब इसे बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया गया है, ताकि अधिक से अधिक परिवार इसका लाभ उठा सकें।
योजना की पात्रता और लाभ
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का लाभ केवल उन्हीं परिवारों को मिलता है जिनकी वार्षिक कुल आय 3 लाख रुपये या उससे कम हो। शादी के समय लड़की की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और युवक की 21 वर्ष होनी आवश्यक है। यह योजना सभी समाज वर्गों के लिए खुली है जिसमें अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, सामान्य वर्ग और अल्पसंख्यक समाज भी शामिल हैं। योजना में विधवा तथा तलाकशुदा महिलाएं भी शामिल हैं, जो पुनर्विवाह करना चाहती हैं।
इस योजना के तहत लाभार्थी नवविवाहित जोड़ों को कुल 1 लाख रुपये दिए जाते हैं। इस धनराशि में से 60,000 रुपये सीधे लड़की के बैंक खाते में ट्रांसफर किए जाते हैं, ताकि शादी के बाद उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो। 25,000 रुपये की राशि जोड़ों को विवाह उपहार स्वरूप दी जाती है, जो नए जीवन के लिए जरूरी सामान में खर्च हो सकती है। शेष 15,000 रुपये विवाह समारोह के खर्च के लिए दिए जाते हैं, जिससे जोड़ों का समारोह भव्य और सम्मानित तरीके से संपन्न हो सके।
आवेदन की प्रक्रिया
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए आवेदन करना काफी सरल है। इच्छुक व्यक्ति या परिवार निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं:
- सबसे पहले उत्तर प्रदेश सरकार की संबंधित योजना वेबसाइट या सामूहिक विवाह योजना के ऑनलाइन पोर्टल पर जाएं।
- “आवेदन करें” लिंक पर क्लिक करके वर-वधू का आधार कार्ड नंबर और जन्म तिथि भरें।
- मोबाइल नंबर पर प्राप्त OTP डालकर आधार प्रमाणीकरण पूरा करें।
- उसके बाद आवेदन फॉर्म में आवेदक का व्यक्तिगत विवरण, शादी का विवरण, वार्षिक आय प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण आदि भरें।
- आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक, शादी का कार्ड या निमंत्रण पत्र अपलोड करें।
- आवेदन जमा करने के बाद उसका प्रिंट निकालकर संबंधित जिला समाज कल्याण कार्यालय में जमा करें।
यदि आवेदन की पात्रता जांच के बाद सही पाई जाती है, तो राशि सीधे लड़की के बैंक खाते में भेज दी जाती है। यदि इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है तो नजदीकी जन सेवा केंद्र, ब्लॉक ऑफिस या समाज कल्याण केंद्र पर जाकर भी आवेदन किया जा सकता है। योजना के संबंध में सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 14568 पर संपर्क किया जा सकता है।
सरकार की भूमिका और अन्य महत्वपूर्ण बातें
उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत आर्थिक सहायता राशि को पहले 51,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया है ताकि ज्यादा जोड़े इससे लाभान्वित हो सकें। इस योजना की एक खास बात यह भी है कि इसे “फैमिली आईडी” से जोड़ा जा रहा है ताकि पात्रता जाँच और योजना का क्रियान्वयन अधिक प्रभावी व पारदर्शी हो सके। स्वास्थ्य, रोजगार और शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा की इस योजना का उद्देश्य प्रगतिशील समाज का निर्माण करना है जहां हर वर्ग की बेटी सुरक्षित एवं सम्मान के साथ शादी कर सके।
योगी सरकार ने इस योजना को गांवों और शहरों दोनों जगह प्रचारित किया है और पंचायतों, आंगनवाड़ियों व स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय कर पात्र परिवारों को चिन्हित कर योजना का लाभ पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। सामूहिक विवाह समारोहों का आयोजन भी समिति द्वारा किया जाता है ताकि अनेक जोड़ों का विवाह एक साथ हो और खर्च कम आए। इससे सामाजिक समरसता बढ़ती है और परंपरागत विवाह खर्चों से गरीब परिवारों को राहत मिलती है।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना उत्तर प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों के विवाह में मदद करने वाली एक महत्वपूर्ण योजना है। 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिलने से परिवारों का आर्थिक बोझ कम होता है और बेटियां सम्मानपूर्वक शादी कर पाती हैं। सरल आवेदन प्रक्रिया और बढ़ी हुई पात्रता आय सीमा के कारण यह योजना और भी अधिक परिवारों तक पहुंच रही है। यह योजना सामाजिक न्याय और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।