प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत बड़ी खुशखबरी आई है। मध्य प्रदेश सरकार ने हाल ही में करीब 30 लाख महिलाओं के बैंक खातों में 46.34 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित की है। यह राशि गैस सिलेंडर रिफिलिंग की सब्सिडी के तौर पर भेजी गई है, ताकि महिलाओं को एलपीजी गैस की नियमित रिफिलिंग में आर्थिक मदद मिल सके। इस योजना का उद्देश्य गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की महिलाओं को स्वच्छ और सुरक्षित ईंधन उपलब्ध कराकर उनके जीवन में सुधार लाना है।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (PMUY) भारत सरकार की एक प्रमुख सामाजिक कल्याण योजना है, जिसे 1 मई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से शुरू किया था। इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे आने वाले परिवारों की महिलाओं को बिना कोई डिपॉजिट लिए मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन दिया जाता है। इसके अलावा, गैस कनेक्शन के साथ 1600 रुपये की आर्थिक सहायता भी दी जाती है, जिससे सिलेंडर, चूल्हा, और अन्य जरूरी सामान खरीदा जा सके। योजना का उद्देश्य स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देना और महिलाओं को धुएं से होने वाली बीमारियों से बचाना है।
30 लाख महिलाओं के खाते में 46.34 करोड़ रुपये की राशि जारी
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत राज्य सरकारों के सहयोग से लगातार गरीब परिवारों की महिलाओं को स्वच्छ cooking fuel उपलब्ध करवाने का प्रयास किया जा रहा है। मध्य प्रदेश सरकार ने हाल ही में बड़ी संख्या में महिलाओं के बैंक खातों में एलपीजी सिलेंडर रिफिलिंग के लिए 46.34 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए हैं। यह राशि करीब 30 लाख महिलाओं को सीधे बैंक खाते में डाइरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए भेजी गई है। यह कदम महिलाओं के लिए आर्थिक राहत के साथ-साथ रसोई गैस के प्रयोग को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
यह रकम मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के 26वें चरण के तहत दी गई है, जिससे फायदा सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को हुआ है। इस सब्सिडी की मदद से परिवारों को एलपीजी गैस सिलेंडर रिफिलिंग पर खर्च कम करने में सहायता मिलती है, जिससे वे बेहतर और सुरक्षित खाना पकाने वाला ईंधन इस्तेमाल कर पाते हैं। इससे पारंपरिक ईंधन जैसे लकड़ी या गोबर के उपलों के तुलनात्मक नुकसान से भी मुक्ति मिलती है।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना 2016 में शुरू हुई थी और तब से अब तक देशभर में 9.5 करोड़ से अधिक एलपीजी कनेक्शन दिए जा चुके हैं। योजना के दूसरे चरण “उज्ज्वला 2.0” के माध्यम से और भी ज्यादा लाभार्थियों को जोड़ा गया है। इस योजना की विशेषता यह है कि कनेक्शन महिलाओं के नाम पर जारी किए जाते हैं, जिससे महिलाओं की आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण में सहायता मिलती है।
सरकार ने एलपीजी सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी को बढ़ाकर प्रति सिलेंडर 300 रुपये तक कर दिया है, जिसे DBT के जरिये सीधे महिलाओं के खाते में दिया जाता है। इससे गैस सिलेंडर की कीमतें कम हुई हैं और गरीब परिवारों के लिए इसे खरीदना आसान हो गया है। इसके अलावा चूल्हा और गैस स्टोव खरीदने के लिए ईएमआई सुविधा भी उपलब्ध है जिससे एक बार में भारी खर्च न करना पड़े।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के मुख्य उद्देश्य हैं:
- गरीब परिवारों की महिलाओं को नि:शुल्क एलपीजी कनेक्शन प्रदान करना।
- स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देकर महिलाओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा करना।
- पारंपरिक ईंधन के धुएं से होने वाली बीमारियों को कम करना।
- महिलाओं को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त बनाना।
- पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रदूषण को कम करना।
योजना में एलपीजी गैस सिलेंडर की पहली खरीदारी पर ₹1600 की सहायता दी जाती है। साथ ही, सिलेंडर की रिफिलिंग पर सब्सिडी सरकार देती है। योजना की पात्रता केवल बीपीएल (गरीबी रेखा के नीचे) वाले परिवारों की महिलाओं के लिए है।
आवेदन कैसे करें?
यदि आप भी पीएम उज्जवला योजना का लाभ लेना चाहती हैं, तो इसके लिए निम्न प्रक्रिया अपनाएं:
- नजदीकी डीएलआई (डिस्ट्रीब्यूटर) ऑफिस या ऑनलाइन पोर्टल से आवेदन करें।
- आवेदक का नाम, बीपीएल परिवार का प्रमाण-पत्र (यदि हो तो), आधार कार्ड और बैंक खाता नंबर जमा करना आवश्यक है।
- कनेक्शन लेने के बाद सरकार की ओर से 1600 रुपये की आर्थिक सहायता सीधे आपके बैंक खाते में आ जाएगी।
- सिलेंडर रिफिलिंग के लिए भी सब्सिडी सीधे DBT के माध्यम से ट्रांसफर होती है।
- सरकारी वेबसाइट या SMS के जरिए सब्सिडी की जानकारी चेक कर सकते हैं।
योजना के तहत EMI सुविधा भी उपलब्ध है, जिससे गैस स्टोव और कनेक्शन की कीमत किस्तों में चुकाई जा सकती है।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना ने देश के लाखों गरीब महिलाओं की जिंदगी में बड़ा बदलाव लाया है। अब वे बिना धुएं और ज़हरीली गैस के सुरक्षित रूप से खाना बना पा रही हैं। 30 लाख से अधिक महिलाओं के बैंक खातों में बड़ी रकम भेजकर सरकार ने इस योजना को और भी प्रभावी बनाया है। इससे महिलाओं को आर्थिक सहायता के साथ ही स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
इस योजना की सफलता से पारंपरिक ईंधन के उपयोग में कमी आई है, जिससे पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिली है। साथ ही, महिलाओं का सामाजिक सशक्तिकरण भी इसका एक बड़ा सकारात्मक प्रभाव है।
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना देश की गरीब महिलाओं के लिए एक वरदान साबित हुई है। 30 लाख से अधिक महिलाओं को 46.34 करोड़ रुपये की गैस सब्सिडी देकर सरकार ने उनके जीवन को आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूती प्रदान की है। इस योजना के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा के साथ महिलाओं के स्वास्थ्य और पर्यावरण की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो रही है।