Land Registry New Rules 2025: 30 दिन का अल्टीमेटम और 5 स्टेप्स में पूरा करें फ्री में अपना हक

Published On: July 31, 2025
Land Registry New Rules 2025

2025 में भारत सरकार ने जमीन रजिस्ट्री को लेकर बड़े बदलाव किए हैं। अब प्रॉपटी खरीदने और उसकी रजिस्ट्री कराने की प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल और सुरक्षित हो गई है। पुराने समय में जमीन की रजिस्ट्री के बाद म्यूटेशन कराने को लोग टालते रहते थे, जिससे भविष्य में बड़े विवाद और धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती थी। नए नियमों के मुताबिक, बिना म्यूटेशन के आपकी रजिस्ट्री कानूनी दृष्टि से बेकार भी मानी जा सकती है।

इन परिवर्तनों का सबसे बड़ा लाभ यह है कि संपत्ति खरीदने के तुरंत बाद मालिकाना हक पूरी तरह आपके नाम पर दर्ज हो जाता है। डिजिटल प्रक्रिया से समय की बचत के साथ-साथ पारदर्शिता भी बढ़ जाएगी और भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम होगी। सरकार का मुख्य उद्देश्य है कि हर नागरिक की संपत्ति पूरी तरह सुरक्षित रहे, ताकि वे किसी परेशानी में न पड़ें।

Land Registry New Rules 2025

भारत सरकार द्वारा घोषित नए नियम के तहत, अब किसी भी जमीन की बिक्री या रजिस्ट्री के 30 दिन के भीतर ‘म्यूटेशन’ कराना अनिवार्य है। म्यूटेशन यानी नामांतरण की यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि सरकारी रिकॉर्ड में संपत्ति के नए मालिक का नाम तुरंत दर्ज हो जाए। अगर आपने 30 दिन के भीतर म्यूटेशन नहीं कराया, तो आपकी रजिस्ट्री कुछ मामलों में अमान्य मानी जा सकती है, जिससे आपको भविष्य में कानूनी, बैंकिंग और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में दिक्कतें आ सकती हैं।

नए नियम का मुख्य उद्देश्य है संपत्ति संबंधी विवादों को कम करना। अक्सर रजिस्ट्री तो हो जाती है, लेकिन म्यूटेशन की प्रक्रिया लंबित रह जाती है, जिससे भविष्य में फर्जीवाड़ा, धोखाधड़ी, और कानूनी झंझट बढ़ जाते हैं। 30 दिन की समयसीमा तय करना, सरकार की ओर से पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए अहम कदम है। इससे खरीदार को जल्दी और सुरक्षित अधिकार प्राप्त होगा।

अगर म्यूटेशन नियत समय में नहीं होता, तो भविष्य में जमीन के मालिकाना हक को लेकर समस्या खड़ी हो सकती है। सरकारी योजनाओं का लाभ लेने, खेतीबाड़ी के लोन लेने, या संपत्ति बेचने-खरीदने में भी कानूनी बाधाएं आ सकती हैं। ऐसे में नई व्यवस्था सभी संपत्ति मालिकों के हित में है।

कौन सा नियम है? सरकार ने क्या बदलाव किए?

भारत सरकार ने 2025 से देशभर में ‘Land Registry New Rules 2025’ लागू किए हैं। करीब 117 साल पुराने भूमि पंजीकरण कानून को हटाकर, अब पूरी प्रक्रिया को डिजिटल बना दिया गया है। इसके तहत सारी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी—दस्तावेज अपलोड करना, फीस जमा करना और आवश्यक वेरिफिकेशन भी डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से पूरा किया जाएगा।

अब आधार कार्ड को प्रॉपर्टी रिकॉर्ड से लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही, पूरी रजिस्ट्री प्रक्रिया का वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य है, जिससे भविष्य में विवाद की स्थिति में वीडियो को सबूत के तौर पर पेश किया जा सके। पुराने रजिस्ट्री कानून में फिजिकल दस्तावेज, नकद भुगतान और कई बार दफ्तर के चक्कर लगाने की जरूरत होती थी, लेकिन अब डिजिटलीकरण से यह सब समाप्त हो जाएगा।

नई व्यवस्था के तहत सभी दस्तावेज डिजिटल सर्टिफिकेट के रूप में जारी किए जाएंगे और रजिस्ट्री के दस्तावेज सरकारी क्लाउड पर सुरक्षित रहेंगे। दस्तावेजों की सत्यता आधार और पैन कार्ड के माध्यम से होगी, जिससे फर्जीवाड़ा या धोखाधड़ी की संभावना ना के बराबर रह जाएगी।

Digital transformation के चलते Land Registry system में निम्नलिखित बदलाव आए हैं:

  • पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन और समयबद्ध
  • आधार नंबर/बायोमेट्रिक सत्यापन
  • ऑनलाइन भुगतान (NEFT, UPI, कार्ड)
  • सभी दस्तावेज डिजिटल रिकॉर्ड में संग्रहित
  • हर रजिस्ट्री की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य
  • फ्रॉड रोकने के लिए अन्य सरकारी डाटाबेस से लिंकिंग
  • म्यूटेशन की समयसीमा फिक्स: 30 दिन

इसका सबसे बड़ा प्रभाव यह है कि अब प्रॉपर्टी मालिक जल्दी और सुरक्षित तरीके से अपने नाम पर मालिकाना हक प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही संपत्ति संबंधी विवादों, फर्जी दस्तावेजों और भ्रष्टाचार के मामलों में भारी कमी आएगी।

म्यूटेशन की प्रक्रिया – कैसे कराएं?

  1. रजिस्ट्री के बाद अगले 30 दिन के भीतर म्यूटेशन आवेदन करना होगा।
  2. ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज (रजिस्ट्री, आधार, पैन, टैक्स रसीद आदि) अपलोड करें।
  3. निर्धारित फीस को डिजिटल माध्यम (UPI, कार्ड, बैंकिंग) से जमा करें।
  4. ऑनलाइन या निर्धारित तारीख पर ऑफिस में बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन कराएं।
  5. दस्तावेजों का वेरिफिकेशन हो जाने के बाद, म्यूटेशन प्रमाणपत्र डिजिटल फॉर्म में जारी होगा।

इस प्रक्रिया को पूरा करना बेहद जरूरी है। इसमें देरी होने पर, भविष्य में जमीन के हकदारी को लेकर अदालतों या सरकारी विभागों में परेशानी हो सकती है।

सरकार या लाभार्थियों को क्या मिलेगा?

सरकार की मंशा है कि हर संपत्ति का मालिक सही और स्पष्ट रूप से दर्ज हो तथा असमंजस या विवाद की गुंजाइश कम हो। नई डिजिटल प्रक्रिया से:

  • संपत्ति खरीदना और बेचना तेज, आसान व पारदर्शी होगा।
  • भूमाफिया और फर्जीवाड़ा करने वालों पर रोक लगेगी।
  • कानूनी विवादों की संख्या घटेगी।
  • सरकारी राजस्व बढ़ेगा क्योंकि सभी भुगतान पक्के और ट्रेस करने योग्य होंगे।
  • संपत्ति मालिक को उसका अधिकार/हक तुरंत मिलेगा।

इसका लाभ आम नागरिकों को सबसे ज्यादा है, क्योंकि उन्हें अपनी जमीन, प्लॉट या फ्लैट पर पूरा अधिकार और सुरक्षा मिलेगी। पुराने सरकारी रिकॉर्ड अपडेट होने से कानूनी झमेले बेहद कम होंगे।

किसको और कैसे भारी नुकसान हो सकता है?

अगर 30 दिन के अंदर म्यूटेशन नहीं कराया गया, तो—

  • भविष्य में संपत्ति के असली मालिकाना हक पर क्लेम करना मुश्किल होगा।
  • बैंक लोन, सरकारी योजनाओं, या संपत्ति के दोबारा क्रय-विक्रय में समस्या।
  • फर्जीवाड़ा/विवाद की संभावना बढ़ेगी क्योंकि सरकारी रिकॉर्ड में नामांतरण नहीं हुआ है।
  • कानूनी कार्यवाही में रजिस्ट्री को अमान्य भी माना जा सकता है।

इसलिए हर खरीदार को फौरन म्यूटेशन कराने पर फोकस करना चाहिए ताकि आगे किसी भी तरह की परेशानियों से बचा जा सके।

निष्कर्ष

सरकार द्वारा लागू किए गए Land Registry New Rules 2025 के तहत प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के बाद 30 दिन के भीतर म्यूटेशन अनिवार्य है। इससे संपत्ति का हक पूरी तरह सुरक्षित रहेगा और भविष्य के विवादों से राहत मिलेगी। हर प्रॉपर्टी मालिक को चाहिए कि वह समयसीमा का पालन करें और सभी प्रक्रिया डिजिटल माध्यम से पूरी करें, ताकि उनकी संपत्ति कानूनन पूरी तरह उनके नाम सुरक्षित रह सके।

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