Income Tax New Rules 2025: 7 बड़ी खुशखबरें जो बदल देंगी आपकी ITR-2 फाइलिंग की दुनिया

Published On: July 29, 2025
Income Tax New Rules 2025

आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ITR-2 (इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म 2) फाइलिंग प्रक्रिया में नई ऑनलाइन सुविधाओं की शुरुआत की है, जो टैक्सपेयर्स के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। अब जो लोग ITR-2 फॉर्म भरते हैं, वे इसे सीधे ऑनलाइन मोड में भर सकते हैं, जिससे इनकम टैक्स रिटर्न भरने की प्रक्रिया और भी आसान और तेज़ हो गई है।

इससे पहले यह फॉर्म ऑफलाइन एक्सेल टूल के जरिए डाउनलोड करके भरना पड़ता था, जो थोड़ी जटिलता रखता था। नई व्यवस्था के तहत फॉर्म में बहुत से डाटा पहले से ही प्री-फिल्ड मिलेंगे, जिससे गलतियां कम होंगी और टैक्स भरना सुविधाजनक होगा। ITR-2 फॉर्म उन लोगों के लिए होता है जिनके पास केवल व्यवसाय या पेशे से आय नहीं होती है, लेकिन वे सैलरी, पेंशन, कैपिटल गेन, कई प्रॉपर्टीज़ से आय, विदेशी आय आदि के तहत टैक्स देते हैं।

इस फॉर्म के अंतर्गत अब नई टैक्स नियमों के अनुसार कैपिटल गेंस की रिपोर्टिंग अलग-अलग करनी होगी, खासकर जुलाई 2024 के बाद हुए ट्रांजेक्शंस के लिए। साथ ही, शेयर बायबैक से हुए नुकसान तभी क्लेम किए जा सकेंगे जब संबंधित डिविडेंड की जानकारी दी गई हो। इसके अलावा 80C और 10(13A) जैसी कटौतियों के सेक्शन में भी विस्तार किया गया है ताकि टैक्सपेयर सही रूप से सारे लाभ उठा सकें। सामान्य तौर पर, यह नई ऑनलाइन सुविधा टेक्निकल रूप से यूजर फ्रेंडली है और टैक्सपेयर के लिए काफी राहत लेकर आई है।

Income Tax New Rules 2025

आयकर विभाग ने 18 जुलाई 2025 से ITR-2 फॉर्म के लिए ऑनलाइन फाइलिंग पोर्टल को सक्रिय किया है। इसका मुख्य उद्देश्य टैक्स रिटर्न भरने को सरल, तेज और त्रुटि-मुक्त बनाना है। ऑनलाइन मोड में टैक्सपेयर्स को निम्नलिखित सुविधाएं मिलती हैं:

  • प्री-फिल्ड डाटा: अब फॉर्म में आपकी पैन, सैलरी, टैक्स कटौती की जानकारी जैसे कई महत्वपूर्ण आंकड़े पहले से भर दिए जाते हैं। इससे आपको बार-बार डेटा भरने की जरूरत नहीं पड़ती और गलतियों की संभावना कम हो जाती है।
  • कस्टमाइज्ड फॉर्म: फॉर्म अब आपकी इनकम के अनुसार अपने आप ही जरूरी सेक्शन दिखाएगा, जिससे गैरजरूरी जानकारी भरने का झंझट खत्म हो जाएगा।
  • कैपिटल गेन की अलग रिपोर्टिंग: नए टैक्स नियमों के तहत, जुलाई 2024 के बाद के कैपिटल गेन को अलग से दिखाना अनिवार्य है। इससे टैक्स की सही कटौती होती है और विभाग को सही जानकारी मिलती है।
  • बढ़ी हुई आय सीमा disclosures के लिए: पहले अगर आपकी आय 50 लाख से अधिक होती तो आपको कई विवरण देने होते थे, अब यह सीमा ₹1 करोड़ कर दी गई है। इससे मध्यम आय वाले टैक्सपेयर्स भी आसानी से रिटर्न फाइल कर सकेंगे।
  • TDS जानकारी में सुधार: टैक्स कटौती के सेक्शन में दिए गए नए कॉलम से यह पता चलेगा कि किस सेक्शन के तहत टैक्स काटा गया है। यह पारदर्शिता बढ़ाता है।
  • दो भाषा विकल्प: ऑनलाइन पोर्टल हिंदी और अंग्रेजी दोनों में उपलब्ध है, जिससे कई लोग आसानी से इसे भर सकते हैं।

इन सारी नई सुविधाओं का लक्ष्य टैक्स रिटर्न फाइलिंग की प्रक्रिया में तेजी लाना और साथ ही करदाता पर से बोझ कम करना है। इससे करदाता समय बचा सकेंगे और गलती-रहित रिटर्न जमा कर सकेंगे।

ITR-2 कौन फाइल कर सकता है?

ITR-2 फॉर्म उन व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF) के लिए है जिनका व्यवसाय या पेशे से कोई आय नहीं है लेकिन जिनकी आय निम्न स्रोतों से होती है:

  • सैलरी या पेंशन
  • कई मकान संपत्तियां
  • कैपिटल गेन (शेयर, म्यूचुअल फंड, अस्थिर या अचल संपत्ति से)
  • विदेशी आय या संपत्ति
  • अन्य स्रोत जैसे लॉटरी या गिफ्ट से आय

यह फॉर्म उन लोगों के लिए है जिनकी कुल आय ₹50 लाख से अधिक हो सकती है और जिन्हें सही ढंग से टैक्स रिटर्न दाखिल करनी होती है।

सरकार की योजना और उद्देश्य

इस नई ऑनलाइन सुविधा का मकसद आयकर रिटर्न फाइलिंग में पारदर्शिता और सरलता लाना है। सरकार डिजिटल इंडिया पहल के तहत करदाता को बिना किसी परेशानी के ऑनलाइन टैक्स फाइलिंग के लिए प्रेरित कर रही है। इससे टैक्स प्रशासन भी बेहतर होता है क्योंकि डेटा डिजिटल फॉर्म में होने से प्रोसेसिंग तेज और प्रभावी होती है।

सरकार आने वाले समय में भी इस पोर्टल पर नई सुविधाएं जोड़ने की योजना बना रही है ताकि करदाता को हर संभव मदद मिल सके। इससे टैक्स चूक या धोखाधड़ी की संभावना भी कम होती है।

ITR-2 ऑनलाइन कैसे भरें?

ITR-2 फॉर्म ऑनलाइन भरने के लिए आपको आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। वहां अपना पैन नंबर और लॉगिन विवरण दर्ज करके रिटर्न फाइलिंग सेक्शन में जाएं। वेबसाइट पर अब प्री-फिल्ड विकल्प मिलता है जहां पहले से जानकारी उपलब्ध होती है। आपको सिर्फ कुछ शेष डाटा भरना होता है और फिर प्रमाणित करना होता है।

  • फॉर्म जांच लें और सुनिश्चित करें कि सारी जानकारी सही है।
  • आवश्यक डाक्यूमेंट्स जैसे सैलरी स्लिप, कैपिटल गेन स्टेटमेंट साथ रखें।
  • फॉर्म भरने के बाद डिजिटल तरीके से साइन कर सकते हैं।
  • अंत में सबमिट कर दें और रसीद सुरक्षित कर लें।

इस प्रक्रिया से आपकी आयकर रिटर्न फाइलिंग के दिन बचते हैं और झंझट भी कम होता है।

नई आयकर नियमों और ITR-2 फॉर्म के ऑनलाइन फाइलिंग की सुविधा ने करदाता के लिए टैक्स रिटर्न का काम कहीं अधिक सरल, पारदर्शी और सुरक्षित बना दिया है। यह व्यवस्था उन लोगों के लिए बहुत लाभदायक है जिनकी विभिन्न स्रोतों से आय होती है और जो आयकर विभाग के नियमों के तहत ऑनलाइन फाइलिंग करना चाहते हैं। सरल और तेज़ फॉर्म भरने की प्रक्रिया के कारण अब टैक्स फ़ाइलिंग का काम न सिर्फ कम समय लेगा बल्कि अधिक सटीक होगा।

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