केंद्र सरकार ने जुलाई 2025 से केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (Dearness Allowance – DA) में 3% की बढ़ोतरी करने की घोषणा की है। इसका मतलब यह हुआ कि कर्मचारियों की बेसिक सैलरी पर मिलने वाला महंगाई भत्ता अब 55% से बढ़कर 58% हो जाएगा। इससे हर महीने कर्मचारियों की सैलरी में औसतन ₹1,200 का इजाफा होगा, जो सालाना ₹14,400 तक बढ़ोतरी के बराबर होगा। यह बढ़ोतरी वेतन को महंगाई के बढ़ते प्रभाव से बचाने और कर्मचारियों को आर्थिक रूप से सहायता देने के लिए की जाती है।
महंगाई भत्ता एक ऐसा भत्ता होता है जो कर्मचारियों को बढ़ती महंगाई यानी वस्तुओं और सेवाओं के दामों में वृद्धि का सामना करने में मदद करता है। सरकार इस भत्ते को हर छह महीने में दो बार बढ़ाती है ताकि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को आर्थिक राहत मिलती रहे। इस बार भी केंद्र सरकार ने जुलाई 2025 से लागू होने वाले महंगाई भत्ते में 3% की वृद्धि का फैसला किया है, जो 7वें वेतन आयोग के तहत निर्धारित होता है।
DA Hike 2025
DA का पूरा नाम Dearness Allowance है, जिसे हिंदी में महंगाई भत्ता कहा जाता है। यह भत्ता सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को उनके बेसिक वेतन के ऊपर दिया जाता है ताकि वे महंगाई के बढ़ते प्रभाव से अपने खर्चों को पूरा कर सकें। जैसे-जैसे वस्तुओं की कीमतें बढ़ती हैं, DA भी बढ़ता रहता है।
7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत DA की गणना एक वैज्ञानिक तरीके से अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (All-India Consumer Price Index for Industrial Workers – AICPI-IW) के आधार पर की जाती है। भारत सरकार के श्रम ब्यूरो हर महीने महंगाई के आंकड़े जारी करती है। हर छह महीने में जनवरी और जुलाई में पिछले छह महीनों के आंकड़ों के औसत को देखकर सरकार DA में बढ़ोतरी या कमी तय करती है।
हाल ही में जून 2025 के आंकड़ों के अनुसार, AICPI-IW इंडेक्स ने एक प्वाइंट की बढ़ोतरी दर्ज की है, जिससे DA की दर 55% से बढ़कर 58% पहुंच गई है। इसका अर्थ यह हुआ कि पहले जो बेसिक सैलरी का 55% DA दिया जाता था, अब वह 58% होगा।
DA बढ़ोतरी से कर्मचारियों को कितना लाभ मिलेगा?
मान लीजिए किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹40,000 है। इस समय 55% DA के अनुसार उसे ₹22,000 का महंगाई भत्ता मिलता है। जुलाई 2025 से 58% DA लागू होने पर वह ₹23,200 मिलेगा, जिससे महीने में ₹1,200 का इजाफा होगा। सालाना यह बढ़ोतरी ₹14,400 के बराबर होगी।
यह बढ़ोतरी केवल बेसिक वेतन पर लागू होती है, इसका मतलब जैसे-जैसे बेसिक सैलरी बढ़ेगी, DA की राशि भी उसी अनुपात में बढ़ेगी। इससे न केवल मौजूदा कर्मचारियों को फायदा होगा, बल्कि पेंशनर्स को भी उनकी पेंशन पर इसी प्रतिशत से बढ़ोतरी मिलेगी।
केंद्र सरकार की योजना और प्रक्रिया
सरकार हर छह महीने में महंगाई भत्ते की समीक्षा करती है और उसे बढ़ाने का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय के खर्च विभाग द्वारा तैयार किया जाता है। यह प्रस्ताव कैबिनेट की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाता है। इसके बाद औपचारिक तौर पर DA बढ़ोतरी की घोषणा होती है, जो इस बार सितंबर या अक्टूबर 2025 में की जा सकती है।
चूंकि DA जुलाई 2025 से प्रभावी माना जाएगा, इसलिए सरकार को कुछ महीने का समय लगता है यह तय करने और कर्मचारी एवं पेंशनर्स को नई दर के अनुसार पेमेंट करना शुरू करने में। यह नियमित प्रक्रिया ही है जिसे सरकार साल-दो साल में दो बार अपनाती है।
महंगाई भत्ते का महत्त्व
महंगाई भत्ता कर्मचारियों की उस बढ़ती आर्थिक ज़रूरत को पूरा करता है जो महंगाई के कारण उत्पन्न होती है। जीवन यापन के लिए जरूरी वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। DA बढ़ाने से कर्मचारियों का वेतन महंगाई के हिसाब से अंकुशित रहता है, जिससे उनके खर्चों में भारी वृद्धि नहीं होती।
यह भत्ता कर्मचारी और पेंशनर्स दोनों को दिया जाता है, ताकि उनकी वित्तीय स्थिति स्थिर बनी रहे और वे महंगाई के चलते वित्तीय दबाव के शिकार न हो।
निष्कर्ष
केंद्र सरकार के इस नए DA हाइक से कर्मचारियों की सैलरी में प्रति वर्ष लगभग ₹14,400 की बढ़ोतरी होगी। यह कदम महंगाई को कंट्रोल करने और कर्मचारियों की वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इससे न केवल वर्तमान कर्मचारियों बल्कि पेंशनर्स को भी राहत मिलेगी और उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी।