CBSE New Rules 2025: 8वीं से 12वीं तक नया syllabus, 5 बड़े बदलाव

Published On: August 4, 2025
CBSE New Rules 2025

CBSE (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) ने हाल ही में 8वीं से 12वीं कक्षा के लिए नया सिलेबस और शिक्षण दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसे 2025-26 शैक्षणिक सत्र से सभी संबद्ध स्कूलों में लागू किया जाएगा। यह बदलाव नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 को ध्यान में रखते हुए और विद्यार्थियों के समग्र विकास, आधुनिक शिक्षा पद्धति और व्यवहारिक कौशलों पर केंद्रित है। इससे बच्चों की सोचने की क्षमता, अनुभवात्मक सीख और व्यावहारिक ज्ञान को बढ़ावा मिलेगा। CBSE के अनुसार, यह दिशानिर्देश और पाठ्यक्रम विद्यार्थियों, अभिभावकों और अध्यापकों के लिए CBSE की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।

इस आदेश के पीछे सरकार का उद्देश्य यह है कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और समान शिक्षा दी जा सके। पहले जहां CBSE स्कूलों में किताबें चुनने की स्वतंत्रता थी, वहीं अब 8वीं तक सिर्फ NCERT की पुस्तकें पढ़ाना अनिवार्य कर दिया गया है। 9वीं से 12वीं तक के लिए भी नया किस्म का सिलेबस और पढ़ाई का तरीका सामने लाया गया है, जिसमें अनुभवन आधारित शिक्षण, प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग, टेक्नोलॉजी का इंटीग्रेशन और बच्चों के बीच संवाद व विचार-विमर्श को बढ़ावा देने पर ज़ोर है।

CBSE New Rules 2025

CBSE के नए नियमों के तहत 8वीं कक्षा तक के लिए सभी स्कूल अनिवार्य रूप से NCERT द्वारा निर्धारित किताबें ही उपयोग करेंगे। इसका उद्देश्य निजी प्रकाशकों की किताबों के अनावश्यक बोझ से बचना और पूरे देश के बच्चों को एक समान और सुलभ पाठ्यक्रम उपलब्ध कराना है। इससे बच्चों के ऊपर किताबों का आर्थिक बोझ भी कम होगा और बोर्ड द्वारा जांचे-परखे कंटेंट की गुणवत्ता बनी रहेगी।

9वीं से 12वीं तक के लिए जारी हुआ नया सिलेबस आधुनिक व व्यवहारिक शिक्षा पर केंद्रित है। अब शिक्षकों को भी पुराने रटकर पढ़ने वाले तरीकों की बजाय प्रोजेक्ट आधारित, सवाल-जवाब पर आधारित और टेक्नोलॉजी आधारित पढ़ाई करनी होगी। सिलेबस में खासतौर पर अनुभवात्मक शिक्षण, योग्यता-आधारित मूल्यांकन और सभी विषयों में इंटरडिसिप्लिनरी दृष्टिकोण अपनाने पर ज़ोर दिया गया है।

बोर्ड ने परीक्षा प्रणाली में भी बदलाव किया है: अब छात्रों का मूल्यांकन अधिकतर कौशल व प्रायोगिक ज्ञान के आधार पर होगा। पासिंग मार्क्स में 33% की न्यूनतम आवश्यकता पहले की तरह तय रही है, पर ग्रेडिंग और मार्किंग में और पारदर्शिता लाई गई है। कुछ वैकल्पिक विषय जैसे कंप्यूटर एप्लीकेशन, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में से छात्र एक को चुन सकते हैं। दो भाषाओं में से एक अंग्रेज़ी या हिंदी चुनना अनिवार्य रखा गया है।

यह बदलाव किस योजना या नीति के तहत लाए गए?

यह पूरा बदलाव सीधे नई शिक्षा नीति (NEP 2020) से प्रेरित है। सरकार का मकसद शिक्षा को बच्चों के लिए व्यावहारिक बनाना, रट्टू पढ़ाई से हटना और मुलभूत जीवन कौशलों पर ज़ोर देना है। NCERT की किताबें लागू करने का सीधा लाभ यह है कि बच्चों को सस्ती, उपलब्ध और गुणवत्तापूर्ण सामग्री एक जैसी मिलेगी। निजी प्रकाशकों की गैर-ज़रूरी किताबों का चलन भी थमेगा।

शिक्षा मंत्रालय और CBSE ने स्कूलों को निर्देशित किया है कि वे नए सिलेबस और दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन करें। शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि वे बच्चों को अनुभव पर आधारित, टेक्नोलॉजी युक्त और प्रायोगिक पद्धति से पढ़ा सकें। इससे बच्चों में विश्लेषण, समस्या समाधान, रचनात्मकता और संवाद जैसे 21वीं सदी के कौशल विकसित होंगे।

बदलाव लागू करने की प्रक्रिया

  • स्कूलों को अब कक्षा 1 से 8 तक सिर्फ NCERT बुक्स पढ़ानी होंगी।
  • कक्षा 9 से 12 का नया पाठ्यक्रम CBSE द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार लागू किया जाएगा।
  • शिक्षक प्रोजेक्ट व एक्टिविटी आधारित पढ़ाई करेंगे, टेक्नोलॉजी की मदद से पढ़ाई होगी।
  • वैकल्पिक विषयों का चयन छात्रों की रुचि एवं कैरियर की जरूरत के अनुसार किया जा सकता है।
  • पासिंग मार्क्स, ग्रेडिंग प्रणाली व इंटर्नल असेसमेंट में भी बदलाव किए गए हैं।

नया सिलेबस और विद्यार्थी के लिए लाभ

CBSE द्वारा लाए गए इन बदलावों से बच्चे संपूर्ण और व्यवहारिक शिक्षा प्राप्त करेंगे। सिद्धांत के साथ-साथ प्रयोग व प्रोजेक्ट आधारित सीख से बच्चों की विषय वस्तु पर पकड़ मजबूत होगी। शिक्षा का बोझ कम कर, रचनात्मकता और आत्मविश्वास बढ़ाने पर जोर दिया गया है। आर्थिक भीड़भाड़ कम होगी। निजी प्रकाशकों के दबाव से छुटकारा मिलेगा।

निष्कर्ष

CBSE का यह नया आदेश विद्यार्थियों के शिक्षा स्तर और सोचने-समझने की क्षमता को मजबूत करेगा। अब देश के हर बच्चे को एक जैसी, गुणवत्तापूर्ण और व्यवहारिक शिक्षा मिलेगी, जिससे वे भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार हो सकें। यह बदलाव अध्यापकों, विद्यार्थियों और माता-पिता, तीनों के लिए सकारात्मक साबित होगा।

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