भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहाँ की ज़्यादातर आबादी किसी न किसी रूप में खेती-बाड़ी और पशुपालन पर निर्भर करती है। खेती के साथ-साथ डेयरी फार्मिंग भी किसानों के लिए आय का एक बड़ा जरिया बन रही है। दूध और दुग्ध उत्पादों की बढ़ती मांग ने डेयरी फार्मिंग को एक सफल और टिकाऊ व्यवसाय बनाया है।
सरकार भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए डेयरी सेक्टर में कई योजनाएँ चला रही है। इन्हीं योजनाओं में से एक प्रमुख योजना है डेयरी फार्मिंग लोन योजना (Dairy Farming Loan Yojana)। इस योजना के तहत किसानों को डेयरी यूनिट शुरू करने के लिए कम ब्याज पर लोन और 42 लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जा रही है।
यह योजना उन किसानों और पशुपालकों के लिए बेहद लाभकारी है, जो डेयरी फार्म शुरू करना चाहते हैं या पहले से चल रहे व्यवसाय का विस्तार करना चाहते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि इस योजना के तहत क्या-क्या लाभ मिलते हैं, कौन लाभार्थी बन सकते हैं और आवेदन की पूरी प्रक्रिया क्या है।
Dairy Farming Loan Yojana 2025
डेयरी फार्मिंग लोन योजना को सरकार ने किसानों और पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किया है। यह योजना राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NABARD) द्वारा संचालित की जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करना और दूध उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना है।
योजना के तहत यदि कोई व्यक्ति डेयरी फार्म खोलना चाहता है या मौजूदा डेयरी का विस्तार करना चाहता है, तो उसे बैंकों से लोन दिलाया जाता है। इस लोन पर सरकार सब्सिडी उपलब्ध कराती है, ताकि लाभार्थी पर आर्थिक बोझ कम हो सके।
इस योजना के अंतर्गत छोटे किसानों से लेकर बड़े स्तर तक दूध उत्पादन करने वाले हर व्यक्ति को लाभ दिया जा रहा है।
सुविधाएँ और सब्सिडी
इस योजना में सरकार किसानों को डेयरी यूनिट लगाने के लिए बड़े पैमाने पर मदद कर रही है। लाभार्थियों को डेयरी फार्मिंग के लिए गाय और भैंस खरीदने, शेड बनाने, चारा उगाने, मशीनें और दूध से संबंधित उपकरण खरीदने तक के लिए लोन उपलब्ध कराया जाता है।
सबसे खास बात यह है कि लोन राशि पर सरकार सब्सिडी भी देती है। यह सब्सिडी अधिकतम 42 लाख रुपए तक है।
- व्यक्तिगत छोटे डेयरी फार्म (2-10 जानवर तक) के लिए अलग पैमाने पर लोन और सब्सिडी तय है।
- बड़े डेयरी फार्म (20-50 या उससे ज्यादा जानवर) के लिए अलग-अलग कैटेगरी में मदद दी जाती है।
- महिलाओं और एससी/एसटी कैटेगरी के लाभार्थियों को भी विशेष छूट और प्राथमिकता दी जाती है।
यह योजना किसानों को न केवल लोन सुविधा उपलब्ध कराती है, बल्कि उनके स्वरोजगार को भी मजबूत करती है।
कौन ले सकता है योजना का लाभ?
डेयरी फार्मिंग लोन योजना का लाभ कोई भी व्यक्ति ले सकता है, लेकिन कुछ शर्तें तय की गई हैं।
- लाभार्थी भारतीय नागरिक होना चाहिए।
- इच्छुक व्यक्ति के पास भूमि या जगह होनी चाहिए जहाँ डेयरी यूनिट स्थापित की जा सके।
- लाभार्थी की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
- किसान, महिला समूह, किसान सहकारी समिति, स्व-सहायता समूह (SHG), गैर-सरकारी संगठन (NGO) और कंपनी भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
सरकार का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक लोग डेयरी सेक्टर में रोजगार शुरू करें और दूध उत्पादन बढ़ाकर आत्मनिर्भर भारत की दिशा में योगदान दें।
लोन और सब्सिडी की प्रक्रिया
इस योजना में मिलने वाली सब्सिडी सीधे बैंक के माध्यम से दी जाती है। यानी लाभार्थी पहले आवेदन करके बैंक से लोन लेगा। जब उसे लोन मिल जाएगा और वह अपने फार्म की शुरुआत करेगा, तब सब्सिडी की राशि बैंक में जमा की जाएगी।
उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति 60 लाख का प्रोजेक्ट लगाता है, तो उसे करीब 42 लाख तक की सब्सिडी मिल सकती है। इस तरह किसान पर कर्ज का बोझ बहुत कम रह जाता है।
लोन और सब्सिडी की राशि का निर्धारण बैंक और NABARD की गाइडलाइन के अनुसार होता है।
आवेदन प्रक्रिया
अब जानते हैं कि अगर आप डेयरी फार्मिंग शुरू करना चाहते हैं और इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो आवेदन कैसे करें।
- सबसे पहले अपने नज़दीकी राष्ट्रीयकृत बैंक, को-ऑपरेटिव बैंक या ग्रामीण बैंक से संपर्क करें।
- बैंक में जाकर डेयरी फार्मिंग लोन योजना का आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन करते समय सभी जरूरी दस्तावेज जैसे – आधार कार्ड, पहचान पत्र, जमीन के कागज़ात, पासपोर्ट फोटो, बैंक खाता विवरण, प्रोजेक्ट रिपोर्ट वगैरह लगाएँ।
- बैंक आवेदन की जाँच करने के बाद प्रोजेक्ट को NABARD के पास अग्रेषित करता है।
- जांच और स्वीकृति के बाद लोन की राशि आपके खाते में आ जाएगी।
- दूध उत्पादन शुरू करने और प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद सब्सिडी की राशि बैंक को मिलती है और यह आपके लोन खाते में एडजस्ट हो जाती है।
इस तरह आवेदन प्रक्रिया सरल है, बस आपको सही दस्तावेज और एक ठोस प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करनी होगी।
डेयरी फार्मिंग से जुड़ी संभावनाएँ
डेयरी फार्मिंग आज के समय में एक उभरता हुआ व्यवसाय है। शहरों और गाँवों दोनों में मिल्क प्रोडक्ट की मांग लगातार बढ़ रही है। ऐसे में यदि कोई किसान या युवा इस योजना का लाभ उठाकर डेयरी यूनिट लगाता है, तो उसे रोजगार के बेहतर अवसर के साथ-साथ स्थायी आय भी होगी।
सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सब्सिडी और सहायता से किसानों के लिए जोखिम कम हो जाता है और वे आत्मनिर्भर बनते हैं। यही कारण है कि यह योजना युवाओं और किसानों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है।
निष्कर्ष
डेयरी फार्मिंग लोन योजना किसानों और युवाओं के लिए एक शानदार अवसर है। इस योजना के जरिए सरकार 42 लाख रुपए तक की सब्सिडी दे रही है, ताकि देश में दूध उत्पादन बढ़े और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो।
यदि आप भी डेयरी फार्म शुरू करने का सपना देखते हैं, तो इस योजना का लाभ जरूर उठाएँ। सही दिशा और मेहनत से यह कारोबार आपके लिए स्थायी रोजगार और बेहतर भविष्य का रास्ता बना सकता है।