Land Registry New Rules 2025: 8 ज़बरदस्त फायदे, 2 बातें न मानें तो नुकसान लाखों का

Published On: August 14, 2025
Land Registry New Rules 2025

भूमि और संपत्ति की रजिस्ट्री भारत में हर नागरिक के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जमीन का सही रजिस्ट्रेशन न सिर्फ कानूनन स्वामित्व की गारंटी देता है, बल्कि भविष्य में किसी प्रकार के विवाद या धोखाधड़ी से भी सुरक्षित रखता है। लंबे समय तक, यह प्रक्रिया काफी जटिल, समय लेने वाली और कार्यालय के चक्कर लगाने वाली रही है जिससे आम लोग परेशान रहते थे।

2025 में भारत सरकार ने भूमि रजिस्ट्री के नियमों में क्रांतिकारी बदलाव किए हैं। ये नियम 1 जनवरी 2025 से पूरे देश में लागू हो चुके हैं। सरकार का उद्देश्य रजिस्ट्री को पूरी तरह पारदर्शी, तेज और डिजिटल बनाकर जनता को राहत देना, भ्रष्टाचार रोकना और धोखाधड़ी पर लगाम लगाना है। अब रजिस्ट्री कराने वाले लोगों को पहले से ज्यादा दस्तावेज़ों की जरूरत पड़ेगी और कुछ दस्तावेज़ों के बिना रजिस्ट्री संभव ही नहीं होगी, इसी वजह से जनता में इस विषय को लेकर चिंता भी बढ़ी है।

Land Registry New Rules 2025

2025 में लागू हुई नई Land Registry Scheme ने देश में जमीन रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया बदल दी है। पहले जहां कागजी दस्तावेज़ और दफ्तरों में भागदौड़ जरूरी थी, अब यह सब ऑनलाइन किया जाएगा। अब आपको रजिस्ट्री ऑफिस जाने और लाइन में खड़े होने की जरूरत नहीं है; सभी डॉक्युमेंट ऑनलाइन ही जमा होते हैं और अधिकांश जांच भी डिजिटल माध्यम से होती है। यह नई प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल और पारदर्शी है।

नए नियमों के तहत सरकार ने आधार कार्ड लिंकिंग अनिवार्य कर दी है। अब जमीन रजिस्ट्री के समय खरीदार और विक्रेता दोनों को आधार कार्ड प्रस्तुत करना और उसे रजिस्ट्री के रिकॉर्ड से जोड़ना अनिवार्य है। साथ ही, बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के लिए फिंगरप्रिंट या आंखों की स्कैनिंग की जाएगी, ताकि किसी भी फर्जीवाड़ा या बेनामी संपत्ति पर रोक लग सके।

संपत्ति रजिस्ट्री के समय किए गए हर कदम – दस्तावेज़ अपलोडिंग से लेकर फाइनल अप्रूवल तक – का वीडियो रिकॉर्ड रखा जाएगा। इससे भविष्य में किसी विवाद की स्थिति में सही सबूत मिल सकेगा और पारदर्शिता भी रहेगी।

स्टैंप शुल्क और रजिस्ट्री फीस का भुगतान अब पूरी तरह से डिजिटल माध्यम में ही स्वीकार होगा। यानी अब नकद लेनदेन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है; सभी भुगतान क्रेडिट/डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग या UPI द्वारा ही किए जा सकते हैं। इससे भ्रष्टाचार पर काफी हद तक रोक लगेगी और ट्रांजेक्शन का रिकॉर्ड भी मिलेगा।

जरूरी दस्तावेज़: इनके बिना नहीं होगी रजिस्ट्री

नए नियमों के मुताबिक, जमीन रजिस्ट्री के लिए नीचे दिए गए दस्तावेज़ अनिवार्य हैं। इनके बिना कोई भी रजिस्ट्री स्वीकार नहीं की जाएगी:

  1. आधार कार्ड – खरीदार और विक्रेता दोनों का।
  2. पैन कार्ड – खरीदार एवं विक्रेता का।
  3. संपत्ति के मूल कागजात (Sale Deed, Title Deed, Sale Certificate आदि)।
  4. नॉन-एनकम्ब्रांस सर्टिफिकेट (Non-Encumbrance Certificate) – यह दिखाता है कि संपत्ति पर कोई कर्ज या बंधक नहीं है।
  5. रेवन्यू रिकॉर्ड – जमीन/संपत्ति के सरकारी राजस्व रिकॉर्ड।
  6. म्यूनिसिपल टैक्स रिसीप्ट्स – स्थानीय कर तथा बकाया की रसीद।
  7. वीडियो रिकॉर्डिंग – रजिस्ट्री प्रक्रिया की।
  8. ई-साइन व डिजिटल सिग्नेचर दस्तावेज़।

इसलिए अगर इनमें से कोई भी दस्तावेज़ आपके पास नहीं है, तो आपकी जमीन की रजिस्ट्री रुक जाएगी और जब तक जरूरी डॉक्युमेंट्स पूरे नहीं होंगे तब तक फाइनल अप्रूवल नहीं मिलेगा। इस कठोरता की वजह से आम लोगों की परेशानी तो थोड़ी बढ़ गई है, लेकिन धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा पर रोक लगने के कारण पूरी प्रक्रिया ज्यादा सुरक्षित हो गई है।

सरकार की ओर से क्या सुविधा दी जा रही है?

सरकार ने इस योजना के तहत एक केंद्रीकृत ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया है, जहां जाकर जमीन रजिस्ट्री के लिए आवेदन किया जा सकता है। आप सभी जरूरी दस्तावेज़ स्कैन करके अपलोड कर सकते हैं, ऑनलाइन फीस जमा कर सकते हैं और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के लिए अपॉइंटमेंट ले सकते हैं। प्रक्रिया पूरी होते ही, आपको डिजिटल सर्टिफिकेट ईमेल या पोर्टल पर ही भेज दिया जाएगा। यह सर्टिफिकेट पूरे देश में मान्य होगा और इसका रिकॉर्ड भी सरकारी सर्वर पर सुरक्षित रहेगा।

रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता, समय बचत, भ्रष्टाचार पर नियंत्रण, और कानूनी विवादों में कमी जैसे फायदे सामने आए हैं। सरकार पूरी तरह से डिजिटल डेटा मैनेजमेंट सिस्टम लेकर आई है ताकि किसी भी समय संपत्ति के रिकॉर्ड्स आसानी से ट्रैक किए जा सकें।

नई योजना का नाम और प्रावधान

इसका नाम है “Registration Bill 2025 – Digital Property Registration Scheme”, जिसमें 117 साल पुराने कानून (Indian Registration Act, 1908) को हटाकर नया, डिजिटल और आधुनिक सिस्टम लागू किया गया है। इसका उद्देश्य देश के हर नागरिक को सुरक्षित, तेज, और निष्पक्ष जमीन रजिस्ट्री की सुविधा देना है।

ऑनलाइन जमीन रजिस्ट्रेशन का आवेदन कैसे करें?

  1. सरकारी पोर्टल पर जाएं और आवेदन फॉर्म भरें।
  2. सभी जरूरी स्कैन किए डॉक्युमेंट्स अपलोड करें।
  3. ऑनलाइन फीस का भुगतान UPI/कार्ड/नेट बैंकिंग से करें।
  4. दस्तावेज़ों की डिजिटल जांच होगी।
  5. ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लें और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन करवाएं।
  6. फाइनल अप्रूवल के बाद डिजिटल सिग्नेचर और रजिस्ट्री सर्टिफिकेट जारी होगा।

यदि दस्तावेज़ पूरे नहीं हैं, तो आवेदन रद्द हो सकता है। सभी दस्तावेज़ पेश करने के बाद ही प्रोसेस आगे बढ़ेगा।

नए नियम का फायदा और परेशानी

नए नियम सबसे ज्यादा पारदर्शिता लाए हैं, जिससे धोखाधड़ी और फर्जी स्वामित्व की सभी संभावनाएँ लगभग खत्म हो गई हैं। साथ ही, ऑनलाइन प्रक्रिया और वीडियो रिकॉर्डिंग से विवादों में कमी आई है। लेकिन दस्तावेज़ों की कमी या कोई तकनीकी दिक्कत आने पर आम नागरिक को थोड़ी परेशानी भी उठानी पड़ सकती है – जैसे आधार, पैन या अन्य दस्तावेज़ न होने पर रजिस्ट्री रुक सकती है।

नतीजा

2025 के नए नियमों ने जमीन रजिस्ट्री को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बना दिया है। अब रजिस्ट्री प्रक्रिया सुरक्षित, तेज और निष्पक्ष हो गई है। दस्तावेज़ पूरे रखना जरूरी है, जिससे सिस्टम मजबूत हुआ है और धोखाधड़ी रुकी है। हालांकि लोगों को शुरुआती दिक्कतें आ सकती हैं, लेकिन ये बदलाव देश के लिए काफी उपयोगी साबित होंगे, जिससे भविष्य में संपत्ति का सौदा करना बेहद आसान और सुरक्षित हो जाएगा।

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