Gold Rate 2025: 2 बार सोचना मत, ₹90000 से नीचे गिरा सोना, मौका हाथ से न निकलने पाए

Published On: August 3, 2025
Gold Rate 2025

रक्षाबंधन से पहले सोने के दाम में गिरावट का दौर शुरू हो गया है, जो सोना और चांदी खरीदने वालों के लिए एक सुनहरा मौका साबित हो सकता है। हिंदू त्योहार रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं।

इस खास मौके पर सोने-चांदी की ज्वेलरी की मांग हमेशा बढ़ जाती है। लेकिन इस बार बाजार में सोने की कीमतों में नरमी आई है, जिससे खरीददारों को बजट में राहत मिली है। इसके साथ ही सरकार ने भी सोने और चांदी पर आयात शुल्क में कटौती करके खरीदारी को और भी आसान बनाया है।

Gold Rate 2025

हाल ही में सोने के दाम में गिरावट आई है, जो त्यौहारी सत्र से ठीक पहले निवेशकों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए अच्छी खबर है। उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में 24 कैरेट सोने का भाव ₹98,230 प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया है, जबकि 22 कैरेट सोना ₹93,550 प्रति 10 ग्राम की दर से बिक रहा है। यह पिछले कुछ हफ्तों की तुलना में कुछ कम है, जिससे बाजार में खरीदारी की हलचल बढ़ी है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर की मजबूती और अमेरिकी बांड यील्ड में तेजी के कारण सोने के दामों पर दबाव बना हुआ है। साथ ही, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों के निर्णय का भी सोने की कीमतों पर प्रभाव पड़ता है। यदि फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करता है, तो सोने की कीमतों में स्थिरता आ सकती है, लेकिन यदि ब्याज दरें बनी रहती हैं या बढ़ती हैं, तो सोने पर दबाव बना रहेगा।

सरकार ने भी सोने और चांदी के आयात शुल्क को 15 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया है। इस कदम से बाजार में गहनों की कीमतों में गिरावट और बढ़ी है, जिससे ग्राहक निवेश के लिए अच्छा अवसर देख रहे हैं। त्योहारी सैम के दौरान सोने-चांदी की मांग में काफी बढ़ोतरी होती है, इसलिए यह खरीदारी का सही समय माना जा रहा है।

सोना-चांदी खरीदने का सुनहरा मौका – क्या योजना है सरकार की?

सरकार ने 2024 के बजट में सोने और चांदी पर आयात शुल्क में भारी कटौती की घोषणा की थी। पहले आयात शुल्क लगभग 15% था, जिसे केवल 6% तक घटा दिया गया है। इस कदम का मकसद कस्टम शुल्क कम करके गहनों की कीमतों को किफायती बनाना और ब्लैक मार्केट को कम करना है। इसके साथ ही इस योजना से घरेलू ज्वेलरी इंडस्ट्री को भी फायदा होगा।

इसके अलावा, सरकार ने सोने में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए गोल्ड बॉन्ड और सोने के लिक्विडिटी स्कीम भी शुरू की हैं। ये स्कीम निवेशकों को सोने में डिजिटल निवेश करने का मौका देती हैं, जहां सोना खरीदने की बजाय यह बॉन्ड या स्कीम में पैसा लगाते हैं। इससे सोने की शारीरिक खरीदारी पर निर्भरता घटती है और साथ ही निवेश सुरक्षित भी रहता है।

यह योजना आम उपभोक्ताओं और निवेशकों दोनों के लिए लाभकारी है। सोना खरीदने के लिए अब ज्यादा रकम खर्च करनी नहीं पड़ेगी और बाजार में स्वच्छता बनी रहेगी। त्योहारी मौसम के कारण सोने की मांग बढ़ेगी, इसलिए इस समय खरीदारी करना भविष्य में मुनाफे का साधन भी साबित हो सकता है।

त्योहारी सीजन और रक्षाबंधन को देखते हुए बाजार की तैयारी

रक्षाबंधन का त्योहार सावन के महीने में आता है, जो शादी-विवाह के सत्र की शुरुआत भी माना जाता है। इस दौरान सोने की मांग में बढ़ोतरी होती है, क्योंकि लोग बहनों को राखी के साथ गहने भी गिफ्ट करते हैं। खास करके छोटे और हल्के गहनों की मांग इस समय अधिक रहती है।

मुंबई जैसे बड़े सर्राफा बाजारों में ज्वेलर्स ने त्योहारी सीजन के लिए खास कलेक्शन पेश किया है। बड़े ज्वेलरी रिटेलर जैसे तनिष्क, कैरेटलेन और मारबार गोल्ड ने अपने नए डिजाइंस बाजार में उतारे हैं। ऐसे में बाजार में ग्राहकों के लिए विकल्प भी बढ़ गए हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले महीनों में सोने के दामों में फिर से बढ़ोतरी हो सकती है, इसलिए इस समय खरीदारी करना किफायती और समझदारी भरा कदम होगा। देश-विदेश की राजनीतिक और आर्थिक स्थिति भी सोने के दामों को प्रभावित करती है, जैसे कि मध्य पूर्व में तनाव या अमेरिकी डॉलर की मजबूत स्थिति।

सोना खरीदने के लिए क्या ध्यान रखें?

रक्षाबंधन के पहले सोना खरीदते समय कुछ खास बातें ध्यान में रखनी चाहिए:

  • सोने की शुद्धता का प्रमाण पत्र जरूर लें।
  • 22 कैरेट और 24 कैरेट सोने के दामों में फर्क होता है, इसलिए बजट के अनुसार विकल्प चुनें।
  • आयात शुल्क कम होने से कीमतों में अचानक बदलाव आ सकता है, इसलिए बाजार की हलचल पर नजर रखें।
  • अगर भारी निवेश करना है तो गोल्ड बॉन्ड या डिजिटल स्कीम के जरिए निवेश कर सकते हैं, जो सुरक्षित भी होते हैं।

निष्कर्ष

रक्षाबंधन से पहले सोने और चांदी की कीमतों में आई गिरावट से यह खरीदारी का सबसे अच्छा और सुनहरा मौका बन गया है। सरकार द्वारा आयात शुल्क में कमी और त्योहारी सीजन की मांग से निवेशकों के लिए यह सही समय है। सोना खरीदने से पहले बाजार की स्थिति का ध्यान रखना जरूरी है, ताकि आप सही फैसले के साथ निवेश कर सकें। यह अवसर ज्वेलरी खरीदने या निवेश करने के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।

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