1 अगस्त 2025 से भारत में राशन कार्ड और गैस सिलेंडर से जुड़े पांच नए नियम लागू होंगे। सरकार ने ये नए बदलाव गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को समय पर और सही फायदा पहुंचाने के लिए बनाए हैं। इन नियमों का उद्देश्य है राशन और गैस की सब्सिडी करने में पारदर्शिता लाना, धोखाधड़ी रोकना और लाभार्थियों की पहचान को मजबूत बनाना।
राशन कार्डधारक अब अपने कार्ड को आधार से जोड़ना अनिवार्य करेंगे जिससे कोई भी फर्जी कार्ड या डुप्लीकेट कार्ड का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा। साथ ही, गैस सिलेंडर की बुकिंग और सब्सिडी की प्रक्रिया भी और अधिक सरल एवं पारदर्शी हो जाएगी।
Ration Gas Cylinder New Rules 2025
सबसे पहला और बड़ा नियम यह है कि अब राशन कार्ड को आधार से लिंक करना अनिवार्य होगा। इसका मतलब है कि राशन कार्डधारक को अपना आधार नंबर सरकार के साथ जोड़ना पड़ेगा। इससे डुप्लीकेट कार्ड बनने और फर्जीवाड़े पर लगाम लगेगी। राशन की खरीद पर बायोमेट्रिक जांच भी जरूरी होगी, जिससे केवल वही व्यक्ति राशन ले सकेगा जिसका नाम और आधार लिंक कार्ड पर हो। इससे राशन की दुकानों पर होने वाली धोखाधड़ी में कमी आएगी।
दूसरा नियम ऑनलाइन केवाईसी (Know Your Customer) प्रक्रिया से जुड़ा है। अब राशन कार्ड धारक अपने कार्ड की जानकारी घर बैठे ऑनलाइन अपडेट कर सकेंगे। इस सुविधा से राशन कार्डधारकों को बार-बार विभाग के ऑफिस जाने की जरूरत नहीं होगी। राशनकार्ड के जरूरी दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड किए जा सकते हैं, जिससे प्रक्रिया आसान हो जाएगी।
तीसरा बड़ा बदलाव गैस सिलेंडर की सब्सिडी प्रक्रिया में किया गया है। पहले गैस सिलेंडर की सब्सिडी पाने के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था, लेकिन अब सब्सिडी का पैसा सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जाएगा। सब्सिडी वाले सिलेंडर की बुकिंग और डिलीवरी की पूरी जानकारी ग्राहक को SMS और सरकार की ऐप के माध्यम से मिलेगी। इस कदम से गैस सिलेंडर वितरण में पारदर्शिता बढ़ेगी।
चौथा नियम है कि जिन लोगों के राशन कार्ड में अभी तक आधार लिंक नहीं हुआ है या बैंक खाता सही नहीं है, उन्हें समय रहते ये अपडेट कराने होंगे। नहीं तो उनकी राशन और गैस सहायता बंद हो सकती है। इसलिए सरकार ने चेतावनी दी है कि लाभार्थी अपने दस्तावेज समय पर सही करें।
पांचवां बदलाव यह है कि जो राशन कार्ड पहले किसी कारणवश निरस्त हुए थे, वे फिर से आवेदन कर सकते हैं। इससे उन लोगों को भी योजना का लाभ मिलेगा जो पिछले नियमों के चलते वंचित रह गए थे। सरकार का उद्देश्य है सबको राशन और गैस की सब्सिडी सही समय पर और सही तरीके से मिले।
यह योजना कौन सी है और सरकार क्या प्रदान कर रही है?
यह सारी व्यवस्था भारत सरकार के खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग और ऊर्जा मंत्रालय की योजनाओं का हिस्सा है, जिसमें प्रमुख योजना ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम’ (NFSA) के तहत राशन कार्डधारकों को सस्ते दाम पर अनाज उपलब्ध कराना और उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेंडर पर सब्सिडी देना शामिल है।
देश के कई राज्यों में गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार राशन कार्ड के जरिए चावल, गेहूं, गुड़, और चीनी जैसे जरूरी सामान सस्ते दाम पर लेते हैं। इसी तरह, एलपीजी गैस सिलेंडर पर सब्सिडी मिलती है ताकि हर घर तक स्वच्छ ईंधन पहुंचे। नई नियमावली से सरकार इन योजनाओं को और भी प्रभावी, पारदर्शी और लाभार्थी केंद्रित बनाना चाहती है।
हर परिवार को उनके अधिकार के मुताबिक जरूरत की सामग्री और गैस सिलेंडर सब्सिडी मिले, इसके लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी का सहारा लिया जा रहा है। फर्जी लाभार्थियों को रोकने और सही लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए आधार लिंकिंग, ऑनलाइन अपडेट और बैंक खाते के जोड़े जाने का प्रावधान किया गया है।
नियमों के लागू होने के बाद लाभार्थियों के लिए आवेदन प्रक्रिया
राशन कार्डधारक जिनके कार्ड अभी आधार से लिंक नहीं हैं, उन्हें सबसे पहले अपने आधार को राशन कार्ड से ऑनलाइन या नजदीकी राशन कार्यालय में जोड़वाना होगा। सरकारी वेबसाइट या मोबाइल ऐप से भी ऑनलाइन केवाईसी कराई जा सकती है। इसके लिए आधार नंबर, मोबाइल नंबर, और बैंक खाता नंबर का अपडेट आवश्यक है।
गैस सिलेंडर की सब्सिडी पाने के लिए भी आधार नंबर और बैंक खाता आवश्यक होगा। ग्राहक अपने गैस डीलर या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए सिलेंडर बुकिंग का पूरा रिकॉर्ड देख पाएंगे। इससे न तो सिलेंडर बुकिंग में गड़बड़ी होगी और न ही सब्सिडी के भुगतान में देरी।
जो भी दस्तावेज़ या लिंक जानकारी सही नहीं है, लाभार्थियों को जल्द से जल्द अपडेट कराने की सलाह दी गई है ताकि भविष्य में किसी प्रकार की समस्या ना हो। यदि आवश्यक हो, तो पुराने राशन कार्डधारक भी नए नियमों के तहत फिर से आवेदन कर सकते हैं।
निष्कर्ष
1 अगस्त 2025 से लागू होने वाले ये नए नियम राशन कार्ड और गैस सिलेंडर सब्सिडी योजनाओं को और अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और लाभकारी बनाएंगे। इससे सस्ता राशन और गैस सिलेंडर सही हकदारों तक पहुंचेगा और फर्जीवाड़े पर लगाम लगेगी। लाभार्थियों को चाहिए कि वे अपने दस्तावेज समय पर अपडेट कर लाभ का पूरा फायदा उठाएं।