Ration Card News 2025: 12 राज़ जो सरकार ने छुपाए, 3 दिन में आपका फ्री राशन जाएगा खत्म

Published On: August 7, 2025
Ration Card News 2025

भारत में राशन कार्ड एक बहुत महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो सरकार की कई सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जुड़ा होता है। इसके जरिए देश के गरीब और जरूरतमंद परिवार सरकार की तरफ से सब्सिडी वाले खाद्यान्न और जरूरी वस्तुएं प्राप्त कर पाते हैं। लेकिन हाल ही में केंद्र सरकार ने राशन कार्ड धारकों के लिए एक बड़ा आदेश जारी किया है, जिसके अनुसार अब कई राज्यों में राशन कार्ड पर फ्री राशन यानी मुफ्त अनाज उपलब्ध नहीं होगा।

इस बदलाव ने गरीब परिवारों और आम जनता के बीच काफी चर्चा पैदा कर दी है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि यह आदेश क्या है, इसका कारण क्या है, किस योजना के तहत पहले फ्री राशन मिलता था और अब क्या बदलाव हुए हैं।

सरकार की राशन योजना भारत में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम रही है। केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत लाभुकों को कम कीमत पर अनाज और अन्य वस्तुएं उपलब्ध कराती हैं। खासकर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के तहत लगभग 80 करोड़ से अधिक लोगों को सब्सिडी युक्त राशन मिलता है।

इसके अलावा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत कोरोना महामारी के दौरान मुफ्त राशन का वितरण भी किया गया था, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर तबकों को राहत मिली। लेकिन अब सरकार ने फ्री राशन देने की इस सुविधा में राष्ट्रीय स्तर पर बदलाव किया है। इसके पीछे कई कारण हैं, जिनमें राशन संबंधित धोखाधड़ी रोकना और वास्तविक जरूरतमंदों तक सहायता पहुंचाना प्रमुख हैं।

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हाल ही में केंद्र सरकार ने राशन कार्ड धारकों को मिलने वाले मुफ्त चावल और अन्य अनाज की आपूर्ति बंद करने का आदेश दिया है। इसका मतलब यह है कि सरकार अब राशन कार्ड के आधार पर मुफ्त अनाज प्रदान नहीं करेगी। सरकार ने यह फैसला राशन वितरण प्रणाली में सुधार और पारदर्शिता लाने के लिए लिया है। इसका एक बड़ा कारण फर्जी लाभार्थियों को रोकना और राशन की वास्तविक जरूरतमंदों तक सही वितरण सुनिश्चित करना है।

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि जो लोग राशन लेने में लापरवाही बरत रहे हैं या 6 महीने से राशन नहीं ले रहे, उनके राशन कार्ड रद्द किए जाएंगे। साथ ही उन लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी जो गैरकानूनी रूप से राशन कार्ड का दुरुपयोग कर रहे हैं। इससे असल जरूरतमंदों को फायदा होगा और राशन की किल्लत भी कम होगी।

इसके अलावा, देश में बड़ी संख्या में राशन कार्ड पर नकली या गलत नाम दर्ज होने के आरोप भी हैं। इनमें अवैध रूप से राशन लेने वाले या मृतक के नाम पर राशन लेने वाले शामिल हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ विशेष रूप से कार्रवाई की जा रही है, जिससे कि खाद्य सुरक्षा योजनाओं का दायरा केवल योग्य और सचेत लाभार्थियों तक सीमित रहे।

सरकार की कौन सी योजना के तहत पहले फ्री राशन मिलता था?

मुख्य रूप से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत सरकार ने लगभग 81.35 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त अनाज उपलब्ध कराया था। इस योजना का उद्देश्य देश के संकट के समय विशेषकर कोरोना महामारी के दौरान आर्थिक संकट से जूझ रहे लोगों को खाद्य सुरक्षा देना था। योजना के अंतर्गत प्रति व्यक्ति प्रति महीने पाँच किलो चावल या गेहूं और दालें मुफ्त वितरित की जाती थीं।

इसके अलावा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के तहत पात्र परिवार सब्सिडी दरों पर अनाज खरीदते थे। यह योजना खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करती है, लेकिन पूरी तरह मुफ्त राशन नहीं देती है।

हाल के आदेश के बाद फ्री राशन की योजना में यह परिवर्तन आया है कि अब केवल सब्सिडी वाले राशन की सुविधा उपलब्ध रहेगी, जो कम दाम पर राशन कार्ड धारकों को दिया जाता है, पर मुफ्त राशन देने की सुविधा को रोक दिया गया है।

राशन वितरण व्यवस्था में हुए बदलाव

सरकार ने राशन वितरण को और प्रभावी बनाने के लिए “वन नेशन वन राशन कार्ड” (ONORC) स्कीम शुरू की है। इसके अंतर्गत किसी भी राज्य में अपना राशन कार्ड लेकर फेयर प्राइस शॉप से राशन प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना का उद्देश्य आंतरिक प्रवासियों और मजदूरों को लाभ देना और राशन की पोर्टेबिलिटी सुनिश्चित करना है।

लेकिन इसके साथ ही सरकार ने उन राशन कार्ड धारकों पर सख्ती भी बढ़ा दी है जो राशन लेने में लापरवाही करते हैं या गैर-जरूरी कार्ड बनवाकर सरकारी मदद का लाभ उठा रहे हैं। 6 महीने तक राशन न लेने वालों के कार्ड रद्द किए जाएंगे। इसके लिए राज्य सरकारें घर-घर संपर्क अभियान भी चलाएंगी ताकि पात्रता जांच सकें और फर्जी कार्ड का निर्माण रोका जा सके।

सरकार ने राशन कार्ड का ई-केवाईसी (आधार लिंकिंग) करना भी अनिवार्य किया है। हर पांच साल में राशन कार्ड धारकों को अपने कार्ड को आधार से लिंक कराना होगा। ऐसा न करने पर कार्ड रद्द किए जा सकते हैं।

नया नियम और इसका असर

नए नियमों के अनुसार अब राशन कार्ड धारकों को खाद्यान्न मुफ्त नहीं मिलेगा बल्कि अब उन्हें तय सब्सिडी मूल्य पर ही राशन लेना होगा। यह फैसला केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वय से लिया गया है। इससे सरकार का लक्ष्य फूड सिक्योरिटी सिस्टम को पारदर्शी, सही और सक्षम बनाना है।

हालांकि, यह बदलाव गरीबों के लिए मुश्किलें भी खड़ी कर सकता है, क्योंकि मुफ्त राशन को बंद किए जाने से उन परिवारों पर आर्थिक दबाव बढ़ सकता है जो रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं। इसलिए, कई राज्यों में सामाजिक सहायता के लिए कैश ट्रांसफर या अन्य डायरेक्ट बेनेफिट स्कीम लागू की जा रही हैं ताकि फ्री राशन बंद होने का प्रभाव कम किया जा सके।

कैसे जांचें या अपडेट करें राशन कार्ड?

अगर आप राशन कार्ड धारक हैं तो सुनिश्चित करें कि आपका कार्ड आधार से लिंक है और समय-समय पर ई-केवाईसी अपडेट कराते रहें। आपकी पात्रता बनी रहे और राशन सेवाएं मिलती रहें इसके लिए यह आवश्यक है।

राशन कार्ड की जांच और अपडेट के लिए आप अपने नजदीकी खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति कार्यालय या फेयर प्राइस शॉप पर जाकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। कई राज्यों में राशन कार्ड ऑनलाइन पोर्टल भी मौजूद हैं जहां आवेदन फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं और दस्तावेजों के साथ भरकर जमा कर सकते हैं।

यदि आपको याद आता है कि पिछले छह महीने से आपने राशन नहीं लिया है तो तुरंत संबंधित विभाग को सूचना दें या अपना कार्ड अपडेट करवाएं, ताकि आपका कार्ड रद्द न हो।

निष्कर्ष

सरकार द्वारा राशन कार्ड धारकों को फ्री राशन देने की सुविधा बंद करना एक बड़ा बदलाव है। इसका मकसद पारदर्शिता लाना और सही लाभार्थियों तक सहायता पहुंचाना है। हालांकि इससे गरीब परिवारों को थोड़ी आर्थिक चुनौती हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि राशन कार्ड धारक अपने कार्ड को समय-समय पर अपडेट करें और सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली अन्य सहायता योजनाओं का लाभ उठाएं। इस बदलाव से देश में राशन वितरण प्रणाली और अधिक मजबूत और विश्वसनीय बनेगी।

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