आधार भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जो देश के प्रत्येक नागरिक को एक अनोखा 12-अंकीय पहचान संख्या (Aadhaar Number) प्रदान करती है। यह संख्या व्यक्ति की पहचान और पते की पुष्टि के लिए उपयोग में लाई जाती है। भारत में अब तक 134 करोड़ से अधिक आधार नंबर जारी हो चुके हैं। आधार कार्ड का उपयोग बैंकिंग, मोबाइल कनेक्शन, सरकारी योजनाओं और अन्य सेवाओं के लिए किया जाता है।
समय-समय पर सरकार आधार कार्ड से जुड़ी नीतियों में संशोधन करती रहती है ताकि डेटा की सटीकता बनी रहे और सुरक्षा मजबूत हो। हाल ही में जुलाई 2025 से आधार कार्ड अपडेट करने के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है, जिसके तहत आधार नंबर धारकों को अपने दस्तावेज़ समय-समय पर अपडेट करना अनिवार्य किया गया है।
Aadhar Card New Rule 2025
सरकार ने आधार (एनरोलमेंट और अपडेट) नियमों में संशोधन करते हुए 2 जुलाई 2025 से लागू नए नियम जारी किए हैं। इन नियमों के अनुसार, यदि आपके आधार कार्ड को बनाए हुए 10 साल पूरे हो चुके हैं, तो आपको कम से कम एक बार अपने पहचान और निवास प्रमाण के दस्तावेज़ अपडेट कराने होंगे। यह कदम UIDAI (यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया) द्वारा उठाया गया है ताकि आधार से जुड़ी जानकारी एकदम सही और अपडेटेड रहे।
नए नियमों के तहत जो आधार धारक अपने दस्तावेज़ों को अपडेट नहीं कराते, उनके आधार नंबर के डिएक्टिवेशन (निष्क्रिय) होने की संभावना हो सकती है, जिससे वे सरकारी योजनाओं और अन्य सुविधाओं से वंचित हो सकते हैं। इसीलिए UIDAI ने लोगों से अपील की है कि वे अपने आधार दस्तावेज़ समय रहते अपडेट करें। यह सुरक्षा और पहचान की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए जरूरी है।
इसके अतिरिक्त, UIDAI ने ‘अपडेट डॉक्यूमेंट’ नाम का एक नया फीचर भी लॉन्च किया है, जिसके जरिए आधार कार्ड धारक अपने दस्तावेज़ों को ऑनलाइन ही ‘माई आधार’ पोर्टल या ‘माई आधार’ मोबाइल ऐप पर जाकर अपडेट कर सकते हैं। इसके लिए किसी आधार नामांकन केंद्र पर जाकर भी अपडेट कराया जा सकता है। इस प्रक्रिया से आधार जानकारी हमेशा ताजा और सही बनी रहती है, खासकर तब जब कोई व्यक्ति अपना पता बदलता है या अन्य जानकारी में बदलाव होता है।
कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी हैं आधार अपडेट के लिए?
आधार अपडेट के लिए सरकार ने जो दस्तावेज स्वीकार किए हैं, वे पहचान (POI), पता (POA), जन्म तिथि (DOB) और परिवार संबंध (POR) से संबंधित हो सकते हैं।
सबसे सामान्य और स्वीकार्य दस्तावेजों में शामिल हैं:
- मान्य भारतीय पासपोर्ट
- पैन कार्ड / ई-पैन कार्ड (पहचान के लिए)
- वोटर आईडी कार्ड
- राशन कार्ड / ई-राशन कार्ड
- बैंक खाता पासबुक
- बिजली / पानी / गैस कनेक्शन का बिल (पते के लिए)
- जन्म प्रमाण पत्र (DOB के लिए)
- माता-पिता या अभिभावक के नाम के साथ वैध परिवार संबंध दस्तावेज
विशेष ध्यान देने वाली बात यह है कि 0 से 18 वर्ष के बच्चों के लिए जन्म तिथि अपडेट के समय जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य है, और 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का आधार परिवार के मुखिया (Head of Family) के माध्यम से भी बन सकता है।
डॉक्यूमेंट अपडेट कराने के लिए ये दस्तावेज वैध और अद्यतित होने चाहिए। यदि कोई दस्तावेज बदल गया है, जैसे पता बदलना, तो उसी के अनुसार नया दस्तावेज अपलोड करना आवश्यक होगा।
आधार अपडेट का महत्व और प्रक्रिया
आधार का अपडेट जरूरी इसलिए है क्योंकि वर्षों के बाद पुरानी जानकारी जैसे पता, नाम, मोबाइल नंबर, फोटो इत्यादि बदल सकते हैं। यदि आधार में सही जानकारी न हो तो कई सरकारी और गैर-सरकारी सेवाओं में दिक्कत आ सकती है। उदाहरण के लिए, बैंक में खाता खुलवाना, सब्सिडी लेना, मोबाइल कनेक्शन, पैन-आधार लिंक करना सभी आधार पर निर्भर हैं।
UIDAI ने बताया है कि यदि आधार पहचान और निवास प्रमाण दस्तावेज अपडेट नहीं किए गए तो CIDR (सेंट्रल आइडेंटीटी डाटा रिपोजिटरी) में गलत या पुरानी जानकारी बनी रहेगी, जिससे सेवाएं बाधित हो सकती हैं।
अपडेट कराने का तरीका सरल है। आप या तो ऑनलाइन ‘माई आधार’ वेबसाइट या मोबाइल ऐप के माध्यम से लॉगिन कर के दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं, या नजदीकी आधार नामांकन केंद्र पर जाकर दस्तावेज लेकर अप्लाई कर सकते हैं। दस्तावेज अपडेट करने के लिए एक निश्चित शुल्क भी देना होता है, जो अपडेट के प्रकार पर निर्भर करता है।
निष्कर्ष:
सरकार द्वारा आधार डेटा की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए किए गए इस नए नियम का उद्देश्य नागरिकों की पहचान को मजबूत बनाना और आधार के उपयोग को और विश्वसनीय बनाना है। इसलिए यदि आपका आधार कार्ड 10 साल या उससे अधिक पुराना है तो जल्द से जल्द संबंधित दस्तावेज अपडेट कराना आवश्यक है, ताकि आधार नंबर डिएक्टिवेशन से बचा जा सके और आप अपनी सभी सरकारी व गैर-सरकारी सेवाओं का लाभ जारी रख सकें।